नए साल पर PM मोदी का गरीबों को गिफ्ट, 6 राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट शुरू
By: Pinki Fri, 01 Jan 2021 2:03:31
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए साल के पहले दिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 6 राज्यों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट (LHP) की नींव रखी। ग्लोबल हाउसिंग टेक्नोलॉजी चैलेंज-इंडिया (GHTC) के तहत यह योजना अगरतला (त्रिपुरा), रांची (झारखंड), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), इंदौर (मध्य प्रदेश), राजकोट (गुजरात) और चेन्नई (तमिलनाडु) में शुरू की गई है। इस योजना के तहत मिडिल क्लास और गरीबों के लिए सस्ते और मजबूत घर बनाए जाएंगे। यहां दुनिया की बेहतरीन तकनीक की मदद से हर साल 1000 घर तैयार किए जाएंगे। पीएम मोदी का ये कार्यक्रम शहरी भारत में लोगों को आवास मुहैया कराने में अहम साबित होंगे।
लाइट हाउस प्रोजेक्ट केंद्रीय शहरी मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत लोगों को स्थानीय जलवायु और इकोलॉजी का ध्यान रखते हुए टिकाऊ आवास प्रदान किए जाते हैं।
मोदी ने नए साल की शुभकामनाएं देते हुए 30 मिनट के भाषण में कहा कि यह प्रोजेक्ट प्रकाश स्तंभ की तरह है, जो हाउसिंग को नई दिशा दिखाएगा। हर क्षेत्र से राज्यों का इसमें जुड़ना कोऑपरेटिव फेडरलिज्म की भावना को मजबूत कर रहा है। यह काम करने के तरीकों का अच्छा उदाहरण है।
मोदी के भाषण की खास बातें
- एक समय आवास योजनाएं केंद्र की प्राथमिकता में नहीं थी। सरकार घर निर्माण की बारीकियों और क्वालिटी में नहीं जाती थी। आज देश में एक अलग रास्ता अपनाया है। देश को बेहतर टेक्नोलॉजी और घर मिलें इस पर काम किया।
- घर स्टार्टअप की तरह चुस्त और दुरुस्त होने चाहिए। इसके लिए ग्लोबल टेक्नोलॉजी चैलेंज का आयोजन किया। इसमें दुनिया की 50 कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया। इससे हमें नया स्कोप मिला।
- प्रक्रिया के अगले चरण में अलग-अलग साइट्स में 6 लाइट हाउस प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ है। इनमें कंस्ट्रक्शन का काम कम होगा और गरीबों को अफोर्डेबल और कंफर्टेबल घर मिलेंगे। देश में कई जगह ऐसे घर बनेंगे।
- इंदौर में घरों में गारे की दीवार की जगह प्री-फेब्रिकेटेड स्ट्रक्चर का इस्तेमाल होगा। गुजरात में कुछ अलग टेक्नोलॉजी से घर बनेंगे। फ्रांस की टेक्नोलॉजी से बने घर आपदाओं को झेलने में सक्षम होंगे। अगरतला में न्यूजीलैंड की स्टील फ्रेम टेक्नोलॉजी, लखनऊ में कनाडा की टेक्नोलॉजी यूज करेंगे। इसमें प्लास्टर का इस्तेमाल नहीं होगा। नॉर्वे की कंपनी भी सहयोग करेगी।
- हर लोकेशन पर साल में 1000 घर बनेंगे। हर दिन ढाई से तीन यानी महीने में 90 घर बनेंगे।
- ये प्रोजेक्ट एक तरह से इन्कयूबेशन सेंटर होंगे। इनमें इंजीनियर्स, रिसर्चर्स, स्टूडेंट्स सीख पाएंगे। मैं सभी यूनिवर्सिटीज से आग्रह करता हूं कि वे 10-15 लोगों के ग्रुप बनाकर साइट्स पर जाएं और वहां नई टेक्नोलॉजी देखें।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान लोगों ने प्रवासी मजदूरों की दुश्वारियां देखी, शहरों में कई बार उन्हें उचित सम्मान नहीं मिलता था, लेकिन जब ये श्रमिक अपने गांव चले गए तो इनके महत्व का पता चला। उन्होंने कहा कि सरकार अब इन मजबूरों के लिए वहीं पर घर बनाने जा रही है यहां पर ये काम करते थे। कोशिश की जा रही है कि जहां मजबूर काम करते हैं वहीं पर बनाकर इन्हें घर दिया जाए।